केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मनी में यूके के व्यापार मंत्री से रूस की तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जर्मनी और यूके की छूट के बावजूद भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। यूके मंत्री ने कहा कि वे भारत के साथ इस मुद्दे पर बात करने को तैयार हैं।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल जर्मनी के आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने बर्लिन में आयोजित ‘बर्लिन ग्लोबल डायलॉग’ में यूके के व्यापार मंत्री क्रिस ब्रायंट से रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जर्मनी और ब्रिटेन ने तो इन प्रतिबंधों से छूट मांगी थी, फिर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। भारत की नायरा एनर्जी, जो रूस की रोसनेफ्ट के नियंत्रण में है, उन दो प्रमुख रूसी तेल कंपनियों में से एक है जिन पर ब्रिटेन ने भी प्रतिबंध लगाए हैं।
पीयूष गोयल ने अमेरिकी प्रतिबंधों पर सवाल उठाते हुए कहा, कि भारत को रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंधों से क्यों अलग-थलग किया गया। जबकि जर्मनी और यूके ने अपनी रोसनेफ्ट सहायक कंपनियों के लिए छूट मांगी थी। उन्होंने कहा, शायद यूके ने पहले ही अमेरिका से तेल खरीदने को लेकर छूट हासिल कर ली है।
भारत को क्यों बनाया जा रहा निशाना?
इस पर पीयूष गोयल समकक्ष यूके के मंत्री क्रिस ब्रायंट ने कहा कि यह मामला हाल में रोसनेफ्ट पर लगे प्रतिबंधों से जुड़ा था और ब्रिटेन ने जर्मनी के साथ अपने मुद्दों को सुलझा लिया है और अमेरिकी भी कुछ ऐसा ही करेंगे। इस पर पीयूष गोयल ने सवाल पूछा कि तो फिर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा हे?
क्या बोले ब्रिटेन के मंत्री
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ने जवाब दिया कि जर्मनी का मामला रोसनेफ्ट से संबंधित एक विशिष्ट सहायक कंपनी के बारे में था। जब गोयल ने कहा कि भारत की भी रोसनेफ्ट की एक सहायक कंपनी है, तो ब्रायंट ने कहा, ‘ठीक है, आइए और हमसे बात कीजिए। हमारा दरवाजा हमेशा खुला है।’
बता दें अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के युद्द रोकने के अपने प्रयासों के तहत रोसनेफ्ट और लुकोइल रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने यह प्रतिबंध ब्रिटेन द्वारा इन दोनों पर कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद लगाए गए हैं। यूके ने भारत में रूसी स्वामित्व वाली रोसनेफ्ट की नायरा एनर्जी पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इस पर पहले ही यूरोपीय यूनियन प्रतिबंध लगा चुके हैं।
रिश्तों और भरोसे को लेकर होती है ट्रेड डील
इसी कार्यक्रम के दौरान पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ट्रेड डील केवल टैरिफ को लेकर नहीं होती, न ही यह केवल सामान या सर्विस तक पहुंच को लेकर होती है। उन्होंने कहा कि ट्रेड डील रिश्तों और भरोसे को लेकर होती है।
उन्होंने कहा, “यह बिजनेस को यह दिखाने का एक तरीका है कि आप दोनों देशों के बीच काम कर सकते हैं और बिजनेस पर भरोसा कर सकते हैं कि वे आगे बढ़ेंगे, बिजनेस सुरक्षित रहेंगे, बिजनेस को अवसर और उन डेमोक्रेसी में कानून के राज में एक फेयर डील मिलेगी, जिनमें हम सभी काम करते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि लंबे समय के नजरिए से ट्रेड डील में केवल टैरिफ से कहीं अधिक होता है।”
